-फर्जी ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई नहीं
– मुख्यमंत्री से कार्रवाई करने की मांग
-विभाग में शीर्ष पदस्थ अधिकारी के कहने पर रोकी गई है कार्रवाई
– प्रमुख सचिव के मुख्यालय में बैठने के बाद भी दलाल के संपर्क में पीडब्ल्यूडी अधिकारी
24 न्यूज़ नेटवर्क ब्यूरो
लखनऊ: लोक निर्माण विभाग में कूटरचित दस्तावेज तैयार करके विभाग की छवि खराब करने वाले फर्जी ठेकेदार\दलाल आशीष दीक्षित के खिलाफ प्रमुख सचिव से लेकर विभागाध्यक्ष कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। फर्जी ठेकेदार ने बीते कुछ वर्षों में कूटरचित दस्तावेज लगाकर पीडब्लूडी में न सिर्फ करोड़ों का कार्य ही कराया बल्कि अवर अभियंता से लेकर अधिशाषी अभियंता तक ट्रांसफर दलाली भी करता रहा। हैरत वाली बात तो यह है कि विभागाध्यक्ष से लेकर प्रमुख सचिव के सबकुछ संज्ञान में होने के बाद भी कई माह बीत गये लेकिन आशीष दीक्षित के खिलाफ ना ही मुकदमा हुआ और ना ही विभाग के तरफ से कोई ठोस कार्रवाई हुई । पीडब्लूडी ने सिर्फ फर्म को ब्लैकलिस्ट कर अपनी कार्रवाई से इतिश्री कर ली है। अब देखना यह कि इस फर्जी ठेकेदार के खिलाफ कब तक कार्रवाई होती है।
एक शिकायत कर्ता ने अब मुख्यमंत्री,मुख्यसचिव को पत्र भेजा है लेकिन विभाग के जानकारों का कहना है कि लोक निर्माण विभाग में सेवानिवृत्त शीर्ष पदस्थ अधिकारी के कहने पर कार्रवाई ठंडे बस्ते में डालकर रोक दी गई है। गंभीर बात तो यह है कि प्रमुख सचिव के मुख्यालय में बैठने के बाद भी पीडब्ल्यूडी अधिकारी अभी भी आशीष दीक्षित दलाल के संपर्क में हैं। लखनऊ मनकामेश्वरवार्ड डालीगंज के रतन कुमार पांडेय ने शिकायत की है कि आशीष दीक्षित की अपनी माता शालिनी दीक्षित ठेकेदार 215\2 सुशीलनगर उरई जनपद जालौन लोक निर्माण विभाग के रोड साइनेज श्रेणी ए में कूटरचित दस्तावेज लगाकर पूर्व में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाकर पंजीकरण कराया और आईएसओ प्रमाण पत्र फर्जी प्रस्तुत कर नवीनीकरण कराया है। जिसके खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई नहीं हो रही है। शिकायतकर्ता ने गंभीर आरोप लगाते हुये कहा कि ठेकेदार शालिनी दीक्षित और उसके पुत्र दलाल आशीष दीक्षित के खिलाफ विभाग ने अभी तक मुक़दमा भी नहीं दर्ज कराया शिकायत कर्ता की मांग है कि ठेकेदार और दलाल के खिलाफ जल्द से जल्द एफआईआर दर्ज कराकर ठोस कार्रवाई की जाये जिससे विभाग की छवि धूमिल ना हो । शिकायतकर्ता रतन कुमार पांडेय का कहना है कि विभाग मुख्यमंत्री के पास होने के बाद एक दलाल विभाग के उपर भारी पड़ रहा है। प्रमुख सचिव तक इस दलाल से दहशत में है क्या यह विभाग के लिए बड़ा सवाल है।