तीन बाबूओ पर लगाया गंभीर रूप
-दशकों से जमे प्रधान सहायकों को तत्काल हटाते हुये निलंबन की मांग
-आय से अधिक सम्पति की जांच कराने की मांग
24 न्यूज़ नेटवर्क ब्यूरो
लखनऊ। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेन्स नीति के तहत चलाये रहे अभियान के विपरीत लोक निर्माण विभाग में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा, ट्रांसफर नीति का खुला उल्लंघन के साथ पटल परिवर्तन के नियमों को दरकिनार कर 20 वर्षो से एक ही पटल पर जमे रहने और महिला उत्पीड़न को लेकर भारतीय जनता पार्टी के पुरवा विधान सभा उन्नाव से विधायक अनिल सिंह ने गुरुवार को लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर कर्मियों को निलंबित कर आय से अधिक सम्पति की जांच कराने की मांग की है। यह पत्र सोशल मीडिया पर प्रसारित होते ही चौतरफा चर्चा का विषय बन गया।
विधायक ने पत्र में स्पष्ट रुप से लिखा है कि वर्षों से तैनात बाबू अपने चहेते,रिश्तेदारों को मनमर्जी के अनुसार लाभ पहुंचाया साथ ही ठेकेदारों से सांठ-गांठ कर, मुख्यालय के अधिकारियों को मिलाकर तैनाती के नाम पर ठेकेदारों से मोटी रकम वसूला। अधिकारियों को पोस्टिंग के नाम पर बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया । जबकि ट्रांसफर नीति वर्ष 2022 में अधिकारियों के ट्रांसफर देख रहे प्रमुख अभियंता मनोज गुप्ता को निलम्बित किया गया, लेकिन अधिष्ठान वर्ग में तैनात विरेन्द यादव, वीरेन्द्र कुमार यादव को निलम्बित नहीं किया गया, जबकि आईएएस की जॉच कमेटी में यह भी दोषी मिले थे। दोष सिद्ध पाये जाने पर मात्र तत्कालीन प्रमुख अभियन्ता को निलम्बित किया गया, दोनों प्रधान सहायक आज भी इसी वर्ग में दबंगई से तैनात है। विधायक ने इन दोनों बाबुओं को तत्काल प्रभाव से निलम्बत करने की मांग की ।
राज्य सरकार एवं भारत सरकार की नीतियों का मुख्यरता से इन भ्रष्टाचारी बाबुओं द्वारा सरकारी सेवकों की आचरण नियमावली के विरुद्ध जाकर अपने कर्तव्यों का घोर उल्लंघन किया गया है । विधायक के पत्र के मुताबिक पीडब्ल्यूडी मुख्यालय मे तैनात प्रधान सहायक विरेन्द्र यादव, वीरेन्द्र कुमार यादव ओम प्रकाश पटेल, प्रधान लिपिक वर्ष 2003 से एक ही प्रकार के पटल कम व्ययस्थापन क (सहायक अभियन्ता) वर्ग और कोष बजट-क वर्षों में तैनात हैं। इसके अलावा अनुसूचित जाति की महिला पदाधिकारी का उत्पीडन करके बलत्कार कर उसकी हत्या करने विषयक नियमित वर्कचार्ज एसोएिशन के अध्यक्ष द्वारा शासन को पत्र लिखा गया है, जिसमें विरेन्द्र यादव, शिव कुमार यादव, सुनील कुमार यादव,ओम प्रकाश पटेल कर्मचारी मुख्य आरोपी बतायें गये हैं।